'पैदा होते ही मरवा देते क्यूँ है मुझको, कोई सहारा आज फिर क्यूँ नही है मुझको ।' एक बिछड़ी हुई भारतीय म... 'पैदा होते ही मरवा देते क्यूँ है मुझको, कोई सहारा आज फिर क्यूँ नही है मुझको ।' ए...
किरदारों में नए रूप में ढलते हुए, मैने देखा है औरतों को रोज एक नई औरत बनते हुए. किरदारों में नए रूप में ढलते हुए, मैने देखा है औरतों को रोज एक नई औरत बन...
और औरत भी तभी तक खिली रहती है जब तक पिता के आँगन मे है. और औरत भी तभी तक खिली रहती है जब तक पिता के आँगन मे है.
औरत औरत
मैं जानती हूँ ज़ेवरों से लदी उस औरत को वह सजी धजी रहती है जेवरों में हर दिन! मैं जानती हूँ ज़ेवरों से लदी उस औरत को वह सजी धजी रहती है जेवरों में हर दिन!
बंद थे दरवाजे दिलों पर ताले थे। बंद थे दरवाजे दिलों पर ताले थे।